थेमोक्रोमिक रंगद्रव्यमाइक्रो-कैप्सूल से बने होते हैं जो विपरीत रूप से रंग बदलते हैं।जब तापमान को एक निर्दिष्ट तापमान तक बढ़ाया जाता है तो रंगद्रव्य रंगीन से रंगहीन (या एक रंग से दूसरे रंग में) हो जाता है।जैसे ही रंगद्रव्य ठंडा हो जाता है, रंग मूल रंग में लौट आता है।